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कश्मीर शैवदर्शन के अनुसार ३६ तत्व हैं। वसुगुप्त कृत शिवसूत्र इसका मूल ग्रन्थ है।
क्रम, कुल, स्पन्द, और प्रत्यभिज्ञ इसके चार अंग माने जाते हैं। यह एक अद्वैत दर्शन है।
अभिनवगुप्त का तन्त्रालोक इसका महान ग्रन्थ है।