दक्षिण भारत
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भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं । अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह शेष भारत से अलग पहचान बना चुका है । हलांकि इतना भिन्न होकर भी यह भारत की विविधता का एक अंगमात्र है ।
दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा बोलते है और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं ।
[बदलें] इतिहास
कार्बन डेटिंग पद्धति से यह पता चला है कि इस क्षेत्र में ईसा पूर्व 8000 से मानव बसाव रहा है । लगभग 1000 ईसा पूर्व से लौह युग का सूत्रपात हुआ । मालाबार और तमिल लोग संगम प्राचीन काल में यूनान और रोम से व्यापार किया करते थे । वे रोम, यूनान, चीन, अरब, यहूदी आदि लोगों के सम्पर्क में थे । प्राचीन दक्षिण भारत में विभिन्न समयों तथा क्षेत्रों में विभिन्न शासकों तथा राजवंशों ने राज किया । सातवाहन, चेर, चोल, पांड्य, चालुक्य, पल्लव, होयसल, राष्ट्रकूट आदि ऐसे ही कुछ राजवंश हैं । मध्यकालीन युग के आरंभिक मध्य में क्षेत्र मुस्लिम शासन तथा प्रभाव के अधीन रहा ।
[बदलें] संस्कृति
भाषिक और सास्कृतिक रूप से ये शेष भारत से भिन्न है ।