शिबू सोरेन
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
शिबू सोरेन (जन्म जनवरी ११, १९४४) एक भारतीय राजनेता है । वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष है । २००४ में मनमोहन सिंह की सरकार में वे कोयला मंत्री बने लेकिन चिरूडीह कांड जिसमें 11 लोगों की ह्त्या हुई थी के सिलसिले में गिरफ़्तारी का वारंट जारी होने के बाद उन्हें केन्द्रीय मंत्रीमंडल से 24 जुलाई 2004 को इस्तीफ़ा देना पड़ा । आजकल वे झारखंड के दुमका लोकसभा सीट से छठी बार सांसद चुने गये हैं।
शिबू का जन्म पुराने बिहार के हजारीबाग जिले में नामरा गाँव में हुआ था । उनकी स्कूली शिक्षा भी यहीं हुई। स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद ही उनका विवाह हो गया और उन्होंने पिता को खेती के काम में मदद करने का निर्णय लिया। उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत 1970 में हुई। उन्होंने 23 जनवरी, 1975 को उन्होंने तथाकथित रूप से जामताड़ा जिले के चिरूडीह गाँव में "बाहरी" लोगों (आदिवासी जिन्हें "दिकू" नाम से बुलाते हैं) को खदेड़ने के लिये एक हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया था । इस घटना में 11 लोग मारे गये थे। उन्हें 68 अन्य लोगों के साथ हत्या का अभियुक्त बनाया गया।
शिबू पहली बार 1977 में लोकसभा के लिये चुनाव में खड़े हुये लेकिन उन्हें पराजय का मुँह देखना पड़ा। उनका यह सपना 1986 में पूरा हुआ । इसके बाद क्रमश: 1986, 1989, 1991, 1996 में भी चुनाव जीते । 2002 वे भाजपा की सहायता से राज्यसभा के लिये चुने गये। 2004 में वे दुमका से लोकसभा के लिये चुने गये और राज्यसभा की सीट से त्यागपत्र दे दिया।
सन 2005 में झारखंड विधानसभा चुनावों के पश्चात वे विवादस्पद तरीक़े से झारखंड के मुख्यमंत्री बने, परंतु बहुमत साबित न कर सकने के कारण कुछ दिन पश्चात ही उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा ।