कलियुग वंशावली
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
कलियुग वंशावली पुराणों पर आधारित विभिन्न राजाओं की वंशावली है। यहां यह वंशावली मौर्य वंश तक की दी जायेगी। यह भारत के इतिहास को प्राचीन वंशावली, जो द्वापर के अन्त तक ही सीमित थी, से आगे महाभारत के युग के पश्चात के काल में ले आती है।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] कुरु वंश
- परीक्षित २ |हर्णदेव | रामदेव | व्यासदेव * द्रौनदेव
- सिंहदेव | गोपालदेव | विजयनन्द | सुखदेव | रामन्देव
- सन्धिमन् | मरहन्देव | चन्द्रदेव | आनन्ददेव | द्रुपददेव
- हर्नामदेव | सुल्कन्देव | जनमेजय ३ | शतानीक १ | अश्वमेधदत्त
- अधिसीमकृष्ण | निचक्षु | उष्ण | चित्ररथ | शुचिद्रथ
- वृष्णिमत् | सुषेण | सुनीथ | रुच | नृचक्षुस्
- सुखीबल | परिप्लव | सुनय | मेधाविन् | नृपञ्जय | ध्रुव
[बदलें] ब्रहाद्रथ वंश
यह वंश मगध में स्थापित था।
- सोमाधि | श्रुतश्रव | अयुतायु | निरमित्र | सुकृत्त
- बृहत्कर्मन् | सेनाजित् | विभु | शुचि
- क्षेम | सुव्रत | निवृति | त्रिनेत्र | महासेन
- सुमति | अचल | सुनेत्र | सत्यजित् | वीरजित् | अरिञ्जय
[बदलें] मगध वंश
- क्षेमधर्म ६३९-६०३
- क्षेमजित् ६०३-५७९
- बिम्बसार ५७९-५५१
- अजात्शत्रु ५५१-५२४
- दर्शक ५२४-५००
- उदायि ५००-४६७
- शिशुनाग ४६७-४४४
- काकवर्ण ४४४-४२४ ईपू
[बदलें] ऐक्ष्वाकु वंश
[बदलें] नन्द वंश
- उग्रसेन ४२४-४०४
- पण्डुक ४०४-३९४
- पण्डुगति ३९४-३८४
- भूतपाल ३८४-३७२
- राष्ट्रपाल ३७२-३६०
- देवानन्द ३६०-३४८
- यज्ञभङ्ग ३४८-३४२
- मौर्यानन्द ३४२-३३६
- महानन्द ३३६-३२४