पल्लव राजवंश
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पल्लव राजवंश प्राचीन दक्षिण भारत का एक राजवंश था। चौथी शताब्दी में इसने काञ्चीपुरम् में राज्य स्थापित किया और लगभग ६०० वर्ष तमिल और तेलुगु क्षेत्र में राज्य किया।
बोधिधर्म जिसने ध्यान योग को चीन में फैलाया इसी राजवंश का था।
यह राजा अपने आप को ब्रह्म-क्षत्रिय मानते थे।
[बदलें] वंशावली
- सिंहवर्मन् १ 275 - 300 CE
- स्कन्दवर्मन्
- विष्णुगोप 350 - 355 CE
- कुमारविष्णु १ 350 - 370 CE
- स्कन्दवर्मन् २ 370 - 385 CE
- वीरवर्मन् 385 - 400 CE
- स्कन्दवर्मन् ३ 400 - 436 CE
- सिंहवर्मन् २ 436 - 460 CE
- स्कन्दवर्मन् ४ 460 - 480 CE
- नन्दिवर्मन् १ 480 - 510 CE
- कुमारविष्णु २ 510 - 530 CE
- बुद्धवर्मन् 530 - 540 CE
- कुमारविष्णु ३ 540 - 550 CE
- सिंहवर्मन् ३ 550 - 560 CE
[बदलें] उत्तरकालीन पल्लव
- सिंहविष्णु 555 - 590 CE
- महेन्द्रवर्मन् १ 590 - 630 CE
- नरसिंहवर्मन् १ (ममल्ल) 630 - 668 CE महान् राजा
- महेन्द्रवर्मन् २ 668 - 672 CE
- परमेश्वरमर्मन् १ 672 - 700 CE महान् राजा
- नरसिंहवर्मन् २ (राजसिंह) 700 - 728 CE
- परमेश्वरवर्मन २ 705 - 710 CE
- नन्दिवर्मन् २ (पल्लवमल्ल) 732 - 796 CE
- तन्दिवर्मन् 775 - 825 CE
- नन्दिवर्मन ३ 825 - 869 CE
- अपराजितवर्मन् 882 - 901 CE