मुकेश
From Wikipedia
मुकेश चन्द्र माथुर (जुलाई २२, १९२३, दिल्ली, भारत - अगस्त २७, १९७६), लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख पार्स्व गायक थे।
मुकेश की आवाज़ की खूबी को उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतिलाल ने तब पहचाना जब उन्होने उसे अपने बहन की शादी में गाते हुए सुना । मोतिलाल उन्हे बम्बई ले गये और अपने घर में रहने दिया । यही नही उन्होने मुकेश के लिये रियाज़ का पूरा इन्तजाम किया । इस दौरान मुकेश को एक हिन्दी फ़िल्म निर्दोश (१९४१) में मुख्य कलाकार का काम मिला । पार्श्व गायक के तौर पर उन्हे अपना पहला काम १९४५ में फ़िल्म पहली नज़र में मिला । मुकेश ने हिन्दी फ़िल्म में जो पहला गाना गाया वह था दिल जलता है तो जलने दे जिसमें अदाकारी मोतिलाल ने की ।
.......
१९७४ में मुकेश को रजनीगन्धा फ़िल्म में कई बार यूं भी देखा है गाना गाने के लिये राष्ट्रिय पुरस्कार मिला ।
१९७६ में जब वे अमरीका के डिट्रोय्ट शहर में दौरे पर थे तब उन्हे दिल का दौरा पडा और उनकी म्रुत्यु हुई ।
[edit] फ़िल्में जिनमें मुकेश की आवाज़ है
- पहली नज़र (१९४५)
- मेला (१९४८)
- आग (१९४८)
- अन्दाज़ (१९४९)
- आवारा (१९५१)
- श्री ४२० (१९५५)
- परवरिश (१९५८)
- अनाडी (१९५९)
- सन्गम (१९६४)
- मेरा नाम जोकर (१९७०)
- धरम करम (१९७५)
[edit] मुकेश के यादगार गीत
- तु कहे अगर
- ज़िन्दा हूँ मै इस तरह से
- मेरा जूता है जापानी (फ़िल्म आवारा से)
- ये मेरा दीवानापन है (फ़िल्म यहुदी से)
- किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार (फ़िल्म अन्दाज़ से)
- ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना (फ़िल्म बन्दीनी से)
- दोस्त दोस्त ना रहा (फ़िल्म सन्गम से)
- जाने कहाँ गये वो दिन (फ़िल्म मेरा नाम जोकर से)
- मैने तेरे लिये ही सात रंग के सपने चुने (फ़िल्म आनन्द से)
- इक दिन बिक जायेगा माटी के मोल (फ़िल्म धरम करम से)
- मैं पल दो पल का शायर हूँ
- कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है (फ़िल्म कभी कभी से)
[edit] बहिर्गामी कडीयाँ
- http://www.singermukesh.com - A Comprehensive wesite on Mukesh