ब्राह्मण-ग्रन्थ
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
ब्राह्मण जाति या वर्ण के लिये ये देखें : ब्राह्मण ।
ब्राह्मण हिन्दू धर्म के पवित्रतम और सर्वोच्च धर्मग्रन्थ वेदों का गद्य में व्याख्या वाला खण्ड है । ये वैदिक वांग्मय का दूसरा हिस्सा है जिसमें गद्य रूप में देवताओं की यज्ञ के कर्मकाण्डों की व्याख्या की गयी है और मन्त्रों पर भाष्य दिया गया है । इनकी भाषा वैदिक संस्कृत है । हर वेद का एक या एक से अधिक ब्राह्मण है (हर वेद की अपनी अलग अलग शाखा है) । आज ये ही ब्राह्मण उपलब्ध हैं :-
- ऋग्वेद :
- ऐतरेय ब्राह्मण (शाकल शाखा)
- कौषीतकि (या शांखायन) ब्राह्मण (बाष्कल शाखा)
- सामवेद :
- प्रौढ (या पंचविंश) ब्राह्मण
- षडविंश ब्राह्मण
- आर्षेय ब्राह्मण
- मन्त्र (या छान्दिग्य) ब्राह्मण
- जैमिनीय (या तावलकर) ब्राह्मण
- यजुर्वेद
- शुक्ल यजुर्वेद :
- शतपथ ब्राह्मण (माध्यन्दिनि शाखा)
- शतपथ ब्राह्मण (काण्व शाखा)
- कृष्ण यजुर्वेद :
- तैत्तिरीय ब्राह्मण
- मैत्रायणी ब्राह्मण
- कठ ब्राह्मण
- कपिष्ठल ब्राह्मण
- शुक्ल यजुर्वेद :
- अथर्ववेद :
- गोपथ ब्राह्मण