संयुक्त राष्ट्र
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संयुक्त राष्ट्र झंडा |
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मुख्यालय | मैनहैटन टापू, न्यूयॉर्क शहर, न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य |
सदस्य वर्ग | 192 सदस्य देश |
अधिकारी भाषाएं | अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी, स्पेनी |
अध्यक्ष | महासचिव बान कीमून |
जालस्थल | http://www.un.org |
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर 1946 को हुई थी, ताकि अंतर्राष्ट्रिय कानून, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, और सामाजिक निष्पक्षता में सहयोग सरल हो पाए । यह स्थापना संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने पर हुई ।
द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था । वह चाहते थे कि फ़िर कभी द्वितीय विश्वयुद्ध की तरह के युद्ध भविष्य में उभर न आए । संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस, रूस, चीन, और संयुक्त राजशाही) द्वितीय विश्वयुद्ध में बहुत अहम देश थे ।
2006 से संयुक्त राष्ट्र मे 192 देश है, लगभग विश्व के सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश । इस संस्था की संरचन में समान्य सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय, और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है ।
अनुक्रमणिका |
[बदलें] इतिहास
संयुक्त राष्ट्र पहले के एक संघ, राष्ट्र संघ, की जगह बनाया गया था । राष्ट्र संघ काफ़ी हद्द तक प्रभावहीन था और संयुक्त राष्ट्र का उसकी जगह होने का यह बहुत बड़ा फायदा है कि संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों की सेनाओं को शांति संभालने के लिए तैनात कर सकता है ।
संयुक्त राष्ट्र के बारे में विचार पहली बार द्वितीय विश्बयुद्ध के समाप्त होने के पहले थे । विजयी होने वाले देशों ने मिलकर कोशिश की कि वह इस संस्था की संरचन, सदस्यता, आदि के बारे में कुछ निर्णय कर पाए ।
24 अप्रैल 1945 को, द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्त होने के बाद, सैन फ्रैंसिस्को में अंतराष्ट्रिय संस्थाओं की संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुई और यहां सारे 40 उपस्थित देशों ने संयुक्त राष्ट्रिय संविधा को हस्ताक्षर किया । पोलैंड इस सम्मेलन में उपस्थित तो नहीं थी, पर उसके हस्ताक्षर के लिए खास जगह रखी गई थी और बाद में पोलैंड ने भी हस्ताक्षर कर दिया । सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देशों के हस्ताक्षर के बाद संयुक्त राष्ट्र की अस्तित्व हुई ।
[बदलें] सदस्य वर्ग
2006 तक संयुक्त राष्ट्र में 192 सदस्य देश है । विश्व के लगभग सारी मान्यता प्राप्त देश सदस्य है । कुछ विषेश उपवाद तइवान (जिसकी स्थिति चीन को 1971 में दे दी गई थी), वैटिकन, फ़िलिस्तीन (जिसको दर्शक की स्थिति का सदस्य माना जा सक्ता है), तथा और कुछ देश । सबसे नए सदस्य देश है मॉंटेनीग्रो, जिसको 28 जून, 2006 को सदस्य बनाया गया ।
[बदलें] मुख्यालय
संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पचासी लाख डॉलर के लिए खरीदी भूसंपत्ति पर स्थापित है । इस इमारत की स्थापना का प्रबंध एक अंतर्राष्ट्रीय शिल्पकारों के समूह द्वारा हुआ । इस मुख्यालय के अलावा और अहम संस्थाएं जनीवा, कोपनहेगन आदि में भी है ।
यह संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र अधिकार क्षेत्र तो नहीं हैं, परंतु उनको काफ़ी स्वतंत्रताएं दी जाती है ।
[बदलें] भाषाएं
संयुक्त राष्ट्र ने 6 भाषाओं को "राज भाषा" स्वीकृत किया है (अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी और स्पेनी), परंतु इन में से केवल दो भाषाओं को संचालन भाषा माना जाता है (अंग्रेज़ी और फ़्रांसीसी) ।
स्थापना के समय, केवल चार राज भाषाएं स्वीकृत की गई थी (चीनी, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रूसी) और 1973 में अरबी और स्पेनी को भी संमिलित किया गया । इन भाषाओं के बारे में काफ़ी विवाद उठता है । कुछ लोगों का मानना है कि राज भाषाओं को 6 से एक (अंग्रेज़ी) तक घटाना चाहिए, परंतु इनके विरोध है बे जो मानते है कि राज भाषाओं को बढ़ाना चाहिए । इन लोगों में से काफ़ी का मानना है कि हिंदी को संमिलित करना आवश्यक है ।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिकी अंग्रेज़ी की जगह ब्रिटिश अंग्रेज़ी का प्रयोग करता है । 1971 तक, जब तक संयुक्त राष्ट्र तईवान के सरकार को चीन का अधिकारी सरकार माना जाता था, चीनी भाषा के परम्परागत अक्षर का प्रयोग चलता था । जब तईवान की जगह आज के चीनी सरकार को स्वीकृत किया गया, संयुक्त राष्ट्र ने सरलीकृत अक्षर के प्रयोग का प्रारंभ किया ।
[बदलें] उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र के व्यक्त उद्देश्य हैं युद्ध रोकना, मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास उभारना, जीवन स्तर सुधारना और बिमारियों से लड़ना । सदस्य राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय चिंताएं और राष्ट्रीय मामलों को सम्हालने का मौका मिलता है । इन उद्देश्य को निभाने के लिए 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा प्रमाणित की गई ।
[बदलें] मानव अधिकार
द्वितीय विश्वयुद्ध के जातिसंहार के बाद, संयुक्त राष्ट्र ने मानव अधिकारों को बहुत आवश्यक समझा था । ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकना अहम समझकर, 1948 में सामान्य सभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया । यह अबंधनकारी घोषणा पूरे विश्व के लिए एक समान दर्जा स्थापित करती है, जो कि संयुक्त राष्ट्र समर्थन करने की कोशिश करेगी ।
15 मार्च 2006 को, समान्य सभा ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकारों के आयोग को त्यागकर संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद की स्थापना की ।
आज मानव अधिकारों के संबंध में सात संघ निकाय स्थापित है । यह सात निकाय हैं:
- मानव अधिकार संसद
- आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों का संसद
- जातीय भेदबाव निष्कासन संसद
- नारी विरुद्ध भेदभाव निष्कासन संसद
- यातना विरुद्ध संसद
- बच्चों के अधिकारों का संसद
- प्रवासी कर्मचारी संसद
[बदलें] शांतिरक्षा
संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक वहां भेजे जाते हैं जहां हिंसा कुछ देर पहले से बंद है ताकि वह शांति संघ की शर्तों को लगू रखें और हिंसा को रोककर रखें । यह दल सदस्य राष्ट्र द्वारा प्रदान होते हैं और शांतिरक्षा कर्यों में भाग लेना वैकल्पिक होता है । विश्व में केवल दो राष्ट्र हैं जिनने हर शांतिरक्षा कार्य में भाग लिया है ः कनाडा और पुर्तगाल । संयुक्त राष्ट्र स्वतंत्र सेना नहीं रखती है । शांतिरक्षा का हर कार्य सुरक्षा परिषद द्वारा अनुमोदित होता है ।
संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों को ऊंची उम्मीद थी की वह युद्ध को हमेशा के लिए रोक पाएंगे, पर शीत युद्ध (1945 - 1991) के समय विश्व का विरोधी भागों में विभाजित होने के कारण, शांतिरक्षा संघ को बनाए रखना बहुत कठिन था ।
[बदलें] बाहरी कडियाँ
संयुक्त राष्ट्र | ||
संगठन | अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय | आर्थिक व सामाजिक परिषद | सचिवालय | समान्य सभा | सुरक्षा परिषद |
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पत्र | अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की संविधि | मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा | संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र |